परीक्षा की दिनांक भी उस दिन।
जो दिन बीता खेल के दिन।
बिन खेल के भी,
सिर्फ आधे प्रशन ही याद हुये थे।
परीक्षा में आने थे किताब के सारे पाठ।
उनमें से ही याद हुये थे ।
प्रशन-उत्तर केवक आठ।
जो प्रशन मैंने भी याद किए थे।
वो भी आधे याद हुये थे।
उसमें भी कुछ प्रशन छूट गए थे ।
लिखते- लिखते थक गए थे।
नाम: रविंदर
कक्षा: 5th
अपना स्कूल, महाराजपुर, कानपुर
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