Saturday, July 30, 2011

चूहा

चूहा 

चूहा आया भाई चूहा आया  ,
 मेरे घर में अक चूहा आया |
काट के बोरा चावल खाया ,
 जाकर बिल में मौज मनाया |
नाम : रामदेव
 कक्षा : 5th 
 सेंटर : अपना स्कूल , एवन 

कविता : खट्टी इमली

 खट्टी इमली 
खट्टी इमली मीठीं ईख ,
चरती बकरी वन के बीच |
चलो पपीता खाएं हम ,
तबला खूब बजाएं हम |
नाम : राजा
कक्षा : 4th  
सेंटर : अपना स्कूल , एवन

Thursday, July 28, 2011

कविता : हाथी दादा

हाथी दादा
हाथी दादा पकड़ कर माथा  ,
पहुँच गया वह बाजार |
जुटे की दुकान देखकर ,
मांगे वह जुटे चार |
कालू जूते वाला बोला,
बड़ा है तुम्हारा नाप |
इतना बड़ा न बनता जूता ,
हाथी दादा कर दो माफ |
नाम : राजा 
कक्षा : 4th 
सेंटर : अपना स्कूल , एवन भट्ठा

Wednesday, July 27, 2011

कविता : नारियल

कविता : नारियल 
कौन नारियल के पेड़ों पर,
जादू   सा  कर  जाता   है |
बंद कटोरी में मीठा जल ,
चुपके  से  भर  जाता है |
नाम : सलेहा 
कक्षा : 2nd 
सेंटर : अपना स्कूल , पनकी पड़ाव  
कविता : टिम टिम तारे 
टिम टिम टिम करते तारे ,
कितने सुंदर कितने प्यारे |
तुम हो कौन कहाँ से आते ,
हीरे जैसी चमक दिखाते |
नाम : सलेहा 
कक्षा : 2nd 
सेंटर : अपना स्कूल  , पनकी पड़ाव

कविता : प्यारी तितली

कविता : प्यारी तितली 
रंग - बिरंगी प्यारी तितली ,
पंख हिलती उड़ती तितली |
हाथ किसी के न आती तितली  ,
फुर्र से उड़ जाती तितली |
नाम : काजिमुद्दीन
कक्षा : 2nd 
सेंटर :अपना स्कूल , पनकी पड़ाव  
कविता : चिड़िया 
मेरी चिड़िया चली बाजार ,
वहां से लाई एक अनार |
रास्ते में वह हो गयी बीमार,
अब सारीं चिड़िया करें विचार |
नाम : मैदुल 
कक्षा : 3rd 
सेंटर : : अपना स्कूल , पनकी पड़ाव  

Tuesday, July 26, 2011

कविता : आम

आम 
सुंदर और सजीला आम,
कितना रंग रंगीला आम |
सबके मन को भाता आम,
कुछ खट्टे कुछ मीठे आम |
कुछ कच्चे कुछ पक्के आम,
सबका जी ललचाता आम |
कुछ महंगे कुछ सस्ते आम,
अब सब खरीदते हैं आम |
नाम : आबिद अली 
कक्षा : 1 
सेंटर : अपना स्कूल , पनकी पड़ाव

Sunday, July 24, 2011

कहानी : परी और लड़की

परी और लड़की 
बहुत समय पहले की बात है | एक गाँव के पास एक नदी थी , उस नदी के किनारे एक पेड़ था | उस पेड़ पर एक परी रहती थी और गाँव में एक लड़की रहती थी | उस लड़की के माता पिता का बचपन में ही देहांत हो गया था | वह लड़की अकेले एक घर में रहती थी | वह बहुत छोटी थी इसलिए वह भीख मांगकर अपना गुजर बसर करती थी | एक बार गाँव वालों ने उसे कुछ खाने को न दिया | वह दो दिन से भूखी थी | वह खाने की खोज में बहुत जगह गयी पर उसे कहीं पर भी कुछ खाने को न मिला | थककर वह नदी के किनारे वाले पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगी | उस परी ने रोने की आवाज सुनकर उस लड़की के पास आई , और उससे पूछ कि तुम क्यों रो रही हो | फिर उस लड़की ने अपनी पूरी कहानी उसे बताई | वह लड़की भूखी थी इसलिए परी ने सबसे पहले अपनी छड़ी घुमाई और खाने के लिए खूब सारे अच्छे अच्छे पकवान आ गए | उस लड़की ने भरपेट भोजन किया | अब परी और उस लड़की कि दोस्ती हो गयी और वे दोनों लोग एक साथ रहने लगे | उनका जीवन अब अच्छे से गुजरने लगा |

नाम : संगीता 
कक्षा : 4th  
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा



Saturday, July 23, 2011

कविता : चिड़िया आई

 चिड़िया आई 
चिड़िया आई भाई चिड़िया आई......,
देखो चोंच में वह मटर का दाना लाई |
फुदक फुदक कर वह डाल पर जाती ,
फिर वह मीठा सा गाना है वह गाती |
 चिड़िया तो है  यह बड़ी सयानी ,
करती रहती अपनी मनमानी |
नाम : सनी 
कक्षा : 4th 
सेंटर : अपना स्कूल, तमसाहा

Friday, July 15, 2011

कविता : बिल्ली रानी

 बिल्ली  रानी
बिल्ली रानी है ये बिल्ली रानी,
हर दम करती है ये मनमानी |
दूध चुराकर है ये पी जाती ,
घी मलाई है ये चट कर जाती |
बिल्ली रानी बिल्ली रानी ,
बंद कर दे चूहों की शैतानी|
नाम : उमाशंकर
कक्षा : 5th
सेंटर : अपना स्कूल ,तमसाह

Thursday, July 14, 2011

कविता : मैं हूँ फूल

मैं हूँ फूल
फूल हैं हम फूल हैं .......,
सुंदर सुंदर फूल हैं.........|
सभी को खुशबू हैं हम देते..., 
आपस में मिलजुल कर रहते|
फूल के प्रकार हैं अनेक .,
बगिया में खिलते हैं एक |
ये सुंदर फूल रंग रंगीले,
 लाल , नीले और पीले .|
फूल हैं हम फूल हैं ,
रंग रंगीले फूल हैं|


नाम : अंकित कुमार
कक्षा : 4th 
सेंटर :अपना स्कूल , धामीखेडा

Tuesday, July 12, 2011

कहानी : बंदर और भालू

बंदर और भालू
एक समय की बात है | एक जंगल में आम के पेड़ पर एक बंदर रहता था |
वह एक अच्छे स्वाभाव का बंदर था | लेकिन उसका कोई दोस्त नहीं था |
वह एक दोस्त बनाना चाहता था | एक दिन एक भालू खाने की खोज में
 इधर उधर घूम रहा था | अचानक उसे आम के पेड़ पर एक बंदर दिखा |
 उसने बंदर से कहा क्या तुम मुझे आम तोड़ कर दे सकते हो | बंदर ने उसे
 खूब सारे आम तोड़ कर दिये | भालू ने भर पेट आम खये | फिर बन्दर ने
भालू से कहा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे | भालू ने हाँ कर दी | अब दोनों
दोस्त बन गए थे | ये दोनों खूब मजे में रहने लगे और जंगल में रहने वाले सभी
जानवरों की मदद करते | इनकी ख्याति दूर दूर फ़ैल गयी | इन लोगो की चर्चा 
जंगल के राजा शेर ने सुनी तो शेर ने इन लोगो को पुरष्कार दिया |
नाम : हेमा
कक्षा : 2nd 
सेंटर :अपना स्कूल, कालरा भट्ठा

कविता : हाथी जी

 हाथी जी
हाथी है ये काला काला .,
लम्बी लम्बी सूंडों वाला ..........|
धमक धमक कर ये चलने वाला,
दर्जन भर केले ये खाने वाला |
भर भर सूंड ये नहाने वाला .,
सब बच्चों को ये भाने वाला |
हाथी है ये काला काला ........,
लम्बी लम्बी सूंडों वाला .......|
नाम : दीपक कुमार
कक्षा : 5th
सेंटर : अपना स्कूल

कविता : ताजा खबर

ताजा खबर
बाबू जी जरा तुम सुनो इधर ,
है आज की यह ताजा खबर |
शहर में फट गया है बम ,
गिरे लोग धम धम धम ...|
इधर गिरा कोई गिरा उधर..,
यही है आज की ताजा खबर |
नाम : अंजलि
कक्षा : 2nd
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेडा

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Monday, July 11, 2011

कविता : फल और सब्जियां

फल और सब्जियां
हरा , मुलायम सबसे सस्ता ,
है ये हरे पालक का  पत्ता .....|
हैं ये गाजर नारंगी और पीली,
मीठी मीठी और रंग रंगीली ..|
दातों को ये मजबूत है बनाती ,
आँखों की ये है ज्योति बढ़ाती |
शहरों में भरा है पानी बदबूदार,
करता है ये हम सबको बीमार .|
हम जीवन का एक लक्ष्य बनाये,
पेड़ पौधे हम सब सदा लगायें....|
नाम : पिंटू कुमार
कक्षा : 1st
सेंटर : अपना स्कूल , सरन भट्ठा

Sunday, July 10, 2011

बादल काले

कविता : बादल काले
काले काले बादल आये,
नन्ही नन्ही बूंदे लाये ...|
बूंदे टप टप हैं ये  टपकती.,
कितनी अच्छी हैं ये लगती|
बारिश देखकर नाचे मोर ,
खुश हो बच्चे करते शोर |
 
नाम : नाहिद
कक्षा :5th
अपना स्कूल, धामीखेडा

Saturday, July 9, 2011

तोता

कविता - तोता
तोता तोता मेरा हरा हरा , 
आम खाता रस भरा | 
आसमान में उड़ता है ,
सबको जवाब देता है |



नाम : मैनुद्दीन कक्षा : 2nd सेंटर : अपना स्कूल , पनकी पड़ाव

Wednesday, July 6, 2011

कविता: तोते ने गाया गाना

  तोते ने गाया गाना 
बच्चों देखो तोता आया ......,
आम के पेड़  पर तोता आया|
जब आम कर उसने खाया ...,
यह देख रामू का जी ललचाया|
तब रामू ने  केला खाया,
यह देख तोता ललचाया |
फिर तोते ने गाना गाया ,
बच्चों देखो तोता आया |
 नाम : रामू 
कक्षा : २
सेंटर : अपना स्कूल , एवन  भट्ठा

Monday, July 4, 2011

कविता: दीपावली

 दीपावली 
दीपावली     आई   है ,
खुशियाँ खूब लाई  हैं |
 शुक्ला भैया आयें हैं.............,
 साथ में अपने मिठाई लाये हैं|
सब बच्चों खाई खूब मिठाई  .,
 दीपावली धूम धाम से मनाई |
नाम: उमा देवी  
कक्षा: 5

कविता : रोज सवेरे आता सूरज

सूरज और चंदा
रोज सवेरे है आता सूरज.......,
सारा जगत है चमकाता सूरज|
रोज सुबह जल्दी उठकर,
फूलों को महकाता सूरज |


रात को चंदा और सितारे,
चमकते हैं ये कितने सारे......|
चम चम कर ये चमक दिखाते,
अंधकार में ये सबको पथ दिखाते|

नाम: सोनम 
कक्षा: १
सेंटर: अपना स्कूल, सरन भट्ठा