बंदर और भालू
एक समय की बात है | एक जंगल में आम के पेड़ पर एक बंदर रहता था |
वह एक अच्छे स्वाभाव का बंदर था | लेकिन उसका कोई दोस्त नहीं था |
वह एक दोस्त बनाना चाहता था | एक दिन एक भालू खाने की खोज में
इधर उधर घूम रहा था | अचानक उसे आम के पेड़ पर एक बंदर दिखा |
उसने बंदर से कहा क्या तुम मुझे आम तोड़ कर दे सकते हो | बंदर ने उसे
खूब सारे आम तोड़ कर दिये | भालू ने भर पेट आम खये | फिर बन्दर ने
भालू से कहा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे | भालू ने हाँ कर दी | अब दोनों
दोस्त बन गए थे | ये दोनों खूब मजे में रहने लगे और जंगल में रहने वाले सभी
जानवरों की मदद करते | इनकी ख्याति दूर दूर फ़ैल गयी | इन लोगो की चर्चा
जंगल के राजा शेर ने सुनी तो शेर ने इन लोगो को पुरष्कार दिया |
एक समय की बात है | एक जंगल में आम के पेड़ पर एक बंदर रहता था |
वह एक अच्छे स्वाभाव का बंदर था | लेकिन उसका कोई दोस्त नहीं था |
वह एक दोस्त बनाना चाहता था | एक दिन एक भालू खाने की खोज में
इधर उधर घूम रहा था | अचानक उसे आम के पेड़ पर एक बंदर दिखा |
उसने बंदर से कहा क्या तुम मुझे आम तोड़ कर दे सकते हो | बंदर ने उसे
खूब सारे आम तोड़ कर दिये | भालू ने भर पेट आम खये | फिर बन्दर ने
भालू से कहा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे | भालू ने हाँ कर दी | अब दोनों
दोस्त बन गए थे | ये दोनों खूब मजे में रहने लगे और जंगल में रहने वाले सभी
जानवरों की मदद करते | इनकी ख्याति दूर दूर फ़ैल गयी | इन लोगो की चर्चा
जंगल के राजा शेर ने सुनी तो शेर ने इन लोगो को पुरष्कार दिया |
नाम : हेमा
कक्षा : 2nd
सेंटर :अपना स्कूल, कालरा भट्ठा
कक्षा : 2nd
सेंटर :अपना स्कूल, कालरा भट्ठा
बहुत सुंदर।
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साइंस फिक्शन की तिलिस्मी दुनिया
लोग चमत्कारों पर विश्वास क्यों करते हैं ?