चींटी और बंदर
बहुत समय पहले की बात है. एक बंदर था. वह सभी जानवरों की समय आने पर मदद करता था. सभी जानवरों से वह अच्छा व्यवहार करता था. यह बात बहुत दूर दूर फ़ैल चुकी थी. एक दिन यह बात एक चीटी के कानों में पड़ी. वह उसकी परीक्षा लेने के लिए बंदर के घर को चल दी. रास्ते में अचानक मौसम ख़राब हो गया, और तेज की बारिश होने लगी . वह चीटीं एक पेड़ के छेद में घुस गयी. उसी पेड़ के ऊपर वह बंदर बैठा भीग रहा था. चीटीं को भी बुखार आ गया था. बारिश खत्म होने के पश्चात बंदर चीटीं के पास गया और बोला की बहन तुम्हे कहाँ जाना है.चीटीं बोली मुझे अपने नानी के यहाँ जाना है. बंदर उसे नानी के यहाँ छोड़ने चला गया.चीटीं ने अपने पर उसका खूब आदर सत्कार किया. और चीटी ने उसे बड़े प्यार से विदा किया. इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.
नाम : अंजली
कक्षा : २
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा
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