मारवती
एक बहुत पुराने गाँव के किनारे पर एक महल था , जिस महल में राजा और रानी ख़ुशी से अपना जीवन व्यतीत करते थे | लेकिन रानी साहिबा संतान न होने के कारण से चिंतित रहती थीं | कुछ दिनों के बाद राजा के पास खबर आयी कि रानी ने एक पुत्री को जन्म दिया है | राजा ऐसी खबर सुनते ही नाचने- कूदने लगा | थोड़ी देर बाद राजा के पास रानी के मरने की खबर आयी | राजा खबर सुनकर भौचक्का रह गया | तब से रानी की पुत्री का नाम मारवती पड़ गया | रानी के मरने के बाद राजा चिंतित रहने लगे | प्रजा को अपने राजा की उदासी देखी नहीं जा रही थी , इस कारण प्रजा ने उनसे दूसरा विवाह कर लेने की सलाह दी , राजा बहुत ही मुश्किल में तैयार हुए और शादी कर ली | नयी वाली रानी मारवती को हमेशा मारा करती थीं | राजा की प्रजा ने देखा और राजा से बात की तो राजा ने उनसे कहा की अब तो भुगतना ही पड़ेगा | कई साल बीत गए और मारवती अब शादी के लायक हो गयी | राजा ने उसका विवाह एक राजा के साथ कर दिया | अब सौतेली माँ ने उसको मारना छोड़ दिया और उसको राजा के साथ विदा कर दिया | अब से वह उसे ही अपनी बेटी मानने लगी |
नाम : ज्योति
कक्षा : 4th
सेंटर : अपना स्कूल
धामीखेड़ा कानपुर
ज्योती की उम्र के हिसाब से कहानी अच्छी बन पडी है। बधाई ज्योति को।
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