हमारे पुरखन का आज परचार हुई हे ।
दई दिये गए हमका ई दिन ।
करके बलिदान दइगे हमका आजादी का दिन ।
कैसे हम भूल गए उन दिन का ।
जब राज था सब गोरे अंगरेजन का।
चले गए लूट-लाट सब लई गए।
भारत छोड़ कर गए कंगाल करिए गए।
फिर भी हार नाई मानी।
हमारे भारत के नौजवान पुरखन ने।
हमरे नौजवान पुरखन ने करी तरक्की।
ओर हुई गैन सभी के लिए बलिदान ।
और दइगें सबका आजादी का दिन ।
कबहूँ ना भुलईवे उनका भईया ।
जो छुड़ा गए हमका गोरन से ।
और दई गए हमका आजादी का दिन।
पंकज कुमार
कक्षा - 10 वीं
अपना स्कूल, कानपुर
No comments:
Post a Comment