Thursday, August 5, 2021

मैं हूँ पेड़ मुझे मत काटो

                 कविता                                     

     मैं हूँ पेड़ मुझे मत काटो
     टुकड़ो टुकड़ो में मुझे मत काटो 
    दर्द मुझे भी होता है मैं हूँ मित्र तम्हारा 
    सखा हूँ सबसे प्यारा 
मेरे फल मैं नहीं खाता हूँ 
सब तुम्हे ही तो दे जाता हूँ  
जहरीली गैसे भी  पी  जाता हूँ 
शुद्ध  हवा तुम तक पहुंचता हूँ 
सूरज का  भी  धूप सहूँ 
मैं हूँ जीवन क आधार 
फिर भी लोग मुझ पर करते हैं प्रहार 
सुनो बात तुम कान लगा कर 
वृक्षों क करना सम्मान 
मैं हूँ जीवन क आधार 



                          नाम -   जूली
                      कक्षा - 8 
                         अपना स्कूल कानपुर 

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