काश मैं पंछी की तरह उड़ पाता
सारे जग को मैं देख पाता
एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर मैं जाता
खट्टे मीठे फल खाता
नदी में मैं जाता
मीठा पानी मैं पीता
जंगल में मैं जाता
जानवरों को मैं देख पाता
काश मैं पंछी की तरह उड़ पाता
काश मैं पछि की तरह उड़ पाता
रोहित
कक्षा - 10
अपना स्कूल कानपुर
No comments:
Post a Comment