हमारा बचपन क्या फिर वापस आएगा |
हमें खुशियाँ और मम्मी का प्यार दे पायेगा |
शायद वह मेरा बचपन फिर वापस लौटा दे |
हम बचपन में माँ की लोरी सुन सके,
दोस्तों के साथ गिल्ली- डुंडा खेल सकें.
बरसात में पानी का बरसना,
दोस्तों से मिलने के लिए तरसना,
हमें बारिश में ही सिखाया है.
नाम: मुकेश कुमार
अपना केंद, कानपुर
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