""''मुझको रंगवाया ''
होली होई काल ,
गुलाल उड़ी पीलो - लाल ।
रंग में जब पड़ेगा रंग ,
देख के चेहरा रहि जइबे दंग ।
चुनाव हुआ है अभी सीएम का ,
मिलेगी कुर्सी किसको यह था भ्रम हम सबका। ।
जो जीता कुर्सी उसी के अंडर ,
जो हारा वह घर के अन्दर ।
गा - गा के होलिया के फाग ,
जब रंग कोई डाले तो मत लेना भाग ।
क्योंकि बुरा न मानो होली है ,
गुझिया - पापड़ हलवाई ने तौली है ।
रंग ने जब अपना असर दिखाया ,
ज्यादा रंग पड़ने से सिर चकराया ।
जिस कम्बक्त ने यह त्यौहार मनाया ,
अच्छा - खासा मुझको रंगवाया ।
चित्र :- अपना स्कूल के बच्चों के द्वारा ।
होली होई काल ,
गुलाल उड़ी पीलो - लाल ।
रंग में जब पड़ेगा रंग ,
देख के चेहरा रहि जइबे दंग ।
चुनाव हुआ है अभी सीएम का ,
मिलेगी कुर्सी किसको यह था भ्रम हम सबका। ।
जो जीता कुर्सी उसी के अंडर ,
जो हारा वह घर के अन्दर ।
गा - गा के होलिया के फाग ,
जब रंग कोई डाले तो मत लेना भाग ।
क्योंकि बुरा न मानो होली है ,
गुझिया - पापड़ हलवाई ने तौली है ।
रंग ने जब अपना असर दिखाया ,
ज्यादा रंग पड़ने से सिर चकराया ।
जिस कम्बक्त ने यह त्यौहार मनाया ,
अच्छा - खासा मुझको रंगवाया ।
कवि: - आशीष कुमार
कक्षा :- 9th
अपना घर , एक कदम
सुंदर ☺
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