Thursday, May 27, 2021

मेरा गाँव

 जलती जमीं में, चमकती धूप में, 

 बहती लू में अगर पड़े मेरे पाँव, 

और महसूस होने लगे पीपल का छाँव, 

तो समझो आ गया मेरा गाँव, 

ठंडी हवाएं हो, सुन्दर घटाएं हो, 

नहर तालाबों में पानी का ठहराव हो, 

और बादलों का घेराव हो, 

तो समझो आ गया मेरा गाँव, 

                                          नाम: ज्योति 

                                         अपना स्कूल, कानपुर 

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