हे कोरोना तूने बहुत कुछ बिगाड़ा |
जाना कितने विद्यार्थियों को पछाड़ा |
मंत्री कितना कोर्से छोड़ा |
बच्चे गए मजदूरी करने |
और कोई चारा रहा बकरी |
तो कोई चारा रहा है घोडा |
कोरोना तूने रहम भी नहीं खाया थोडा भी |
गए जहां मजदूर तुमने उस स्थान को छोड़ा |
वहां से घर की बिन चप्पल दौड़ा |
पैरों में पड़े बहुत से रोड़ा |
गरीबों को जैसे पड़ा हो कोड़ा |
हे कोरोना तूने बहुत कुछ बिगाड़ा
नाम : पंकज
कक्षा : 10
अपना केंद्र , कानपुर
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