Thursday, September 15, 2011

कहानी :समझदार चूहा

 समझदार चूहा

एक दिन की बात है एक चूहा झूला झूल रहा था | वहीँ पर एक दिन बिल्ली आ गयी और बोली वाह, कितना अच्छा भोजन मिल गया | चूहा बोला नही - नहीं बिल्ली मौसी मुझे मत खाओ  मै नन्हा मुन्हा चूहा हूँ | मै अभी पढ़ना लिखना और खेलना चाहता हूँ | तुम अगर मुझे खा लोगी तो मै पढ़ लिख कर आगे नहीं बढ़ सकूंगा | बिल्ली को रोना आ गया और बिल्ली चूहे से बोली बेटा तुम खूब पढ़ो लिखो मै तुम्हे नहीं खाऊँगी मै अपना भोजन  दूसरा ढूंढ लूंगी | चूहा कूदता फांदता चला गया और बिल्ली अपना दूसरा भोजन ढूँढने चली गयी | फिर बिल्ली को एक और मोटा ताजा चूहा मिला और बिल्ली ने उसे खा लिया | उसका पेट भर गया और बिल्ली अपने घर चली गयी और चूहा ख़ुशी  ख़ुशी खेलने लगा |
 नाम : ज्योति 
कक्षा : 5th 
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा
 

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