समझदार चूहा
एक दिन की बात है एक चूहा झूला झूल रहा था | वहीँ पर एक दिन बिल्ली आ गयी और बोली वाह, कितना अच्छा भोजन मिल गया | चूहा बोला नही - नहीं बिल्ली मौसी मुझे मत खाओ मै नन्हा मुन्हा चूहा हूँ | मै अभी पढ़ना लिखना और खेलना चाहता हूँ | तुम अगर मुझे खा लोगी तो मै पढ़ लिख कर आगे नहीं बढ़ सकूंगा | बिल्ली को रोना आ गया और बिल्ली चूहे से बोली बेटा तुम खूब पढ़ो लिखो मै तुम्हे नहीं खाऊँगी मै अपना भोजन दूसरा ढूंढ लूंगी | चूहा कूदता फांदता चला गया और बिल्ली अपना दूसरा भोजन ढूँढने चली गयी | फिर बिल्ली को एक और मोटा ताजा चूहा मिला और बिल्ली ने उसे खा लिया | उसका पेट भर गया और बिल्ली अपने घर चली गयी और चूहा ख़ुशी ख़ुशी खेलने लगा |
नाम : ज्योति
कक्षा : 5th
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा
बहुत प्यारी कहानी। मजा आ गया।
ReplyDelete------
कब तक ढ़ोना है मम्मी, यह बस्ते का भार?
आओ लल्लू, आओ पलल्लू, सुनलो नई कहानी।