गोल-गोल भट्ठा कैसा ?
गोल - गोल ये भट्ठा कैसा ?
कमा रहे हैं बाबू पैसा |
काम करे है बच्चा - बच्चा ,
आलू खाना पड़ रहा हमको कच्चा |
मुझको बता दो इसका हाल ,
आलू क्यों होता गोल मटोल ?
क्योंकि सब बच्चे पढ़ते हैं भूगोल ,
बाबू नहीं रखते हैं मजदूरों का ख्याल |
भट्ठा है यह एक धोखे जैसा ,
काम हम करें , बाबू कमाता पैसा |
अपने हाथों से ईंटें हमीं बनाते ,
फिर भट्ठे के अंदर हमीं पकाते |
मजदूर भाई काम करे हैं सारा ,
बाबू पैसा मारे सबका और हमारा |
यह भट्ठा है कैसा ?
जब चले तो लगता घड़ी के जैसा |
नाम : अजय कुमार
कक्षा : 5th
सेंटर : अपना स्कूल
कालरा प्रथम
बढ़िया है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDelete---------
प्रेम रस की तलाश में...।
….कौन ज्यादा खतरनाक है ?