सोच समझ कर कदम उठाना
एक बहुत समय पहले की बात है कि किसी एक गाँव के पास एक बहुत बड़ा पहाड़ था | उस पहाड़ के ऊपर चीटियों का एक बिल था | उन्होंने गर्मी में अपने साथियों से कहा कि चलो धान लेने चलते हैं फिर सभी चीटियों ने मिलकर बहुत धान इकठ्ठा किया | पूरी गर्मी भर खाया , बरसात में भी और आने वाले सर्दी के मौसम में भी खाया | फिर सबका बंटवारा हुआ | सबको अपनी - अपनी मेहनत के बराबर हिस्सा मिला और उन्होंने आगे आने वाले समय में खाया और आगे के लिए बीन कर रखा |
नाम : अमित कुमार
कक्षा : 4th
सेंटर : अपना स्कूल
कालरा प्रथम
मेहनत का फल मिला...कभी भूखे नहीं रहना पड़ा.
ReplyDeleteसही सीख दी इस लघु कथा ने.
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