सागर की लहरें,
झरनों की कलकल,
नदियों का बहना,
पेड़ों की क्या वह हवा है,
जिसे देख सुनकर,
झूम उठे तन और मन ,
फिर भी क्यों धोखा,
कर रहे है लोग इनके संग
स्मार्ट सिटी बनाएं,
नदियों में गंदें पानी को बहने दिया,
और पर्यावरण दिवस भी मनाएं हम,
हेमा
अपना स्कूल, कानपूर
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