मौसम ने बदला मिजाज
मौसम ने बदला मिजाज ,
बादलों ने आसमां को दिया साज ।
हवा चल रही है अपनी धुन में ,
पेड़ों की डाली हिलाए अपने संग में ।
खेतों में गेंहू की बाली लहलहाती ,
जो किसान के मन को भाती ।
मन ही मन में सोंचता और कहता ,
अन्न से भर दे कोठी दाता ।
कहीं धुप है कहीं छाँव है ,
बागों के बीच गाँव है ।
हमको लगता सबसे प्यारा ,
जो है गाँव हमारा ।
इस मौसम में अगर पानी बरसा ,
बड़े जोर की ठण्ड पड़ेगी सहसा ।
ये है मौसम का मिजाज ,
कोई न जाने कब कर ले सब पर राज ।
नाम : आशीष कुमार
कक्षा : 9th
अपना घर
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