कानपुर के ईट – भट्टों पर
काम करने वाले श्रमिकों की दयनीय स्थिति. ये श्रमिक जिन भट्टों पर रहते
हैं, वहां पर न उनके रहने की कोई व्यवस्था होती है ,न पीने के पानी की और न
ही शौचालय की .
विजया रामचंद्रन दीदी की मजदूरों के साथ बैठक के दौरान गंदे पानी की समस्या सामने आयी. हम सबको इस समस्या पर गंभीरता से विचार व कार्य करने की जरूरत है.
टयूबवेल से कच्चे गड्ढे में पानी भर देते है जिसमें पूरा कीचड़ होता है. यही पानी इन श्रमिकों का परिवार बर्तन धोने ,नहाने और कभी –कभी पीने में भी प्रयोग करता है . यही पानी की इनकी व्यवस्था होती है .
यह एक बड़ी वजह है कि श्रमिक परिवार प्रायः बीमार रहता है. यदि भट्टा मालिक इन गड्ढों को पक्का करा दें तो परिवारों को स्वच्छ पानी मिल सकता है .
विजया रामचंद्रन दीदी की मजदूरों के साथ बैठक के दौरान गंदे पानी की समस्या सामने आयी. हम सबको इस समस्या पर गंभीरता से विचार व कार्य करने की जरूरत है.
टयूबवेल से कच्चे गड्ढे में पानी भर देते है जिसमें पूरा कीचड़ होता है. यही पानी इन श्रमिकों का परिवार बर्तन धोने ,नहाने और कभी –कभी पीने में भी प्रयोग करता है . यही पानी की इनकी व्यवस्था होती है .
यह एक बड़ी वजह है कि श्रमिक परिवार प्रायः बीमार रहता है. यदि भट्टा मालिक इन गड्ढों को पक्का करा दें तो परिवारों को स्वच्छ पानी मिल सकता है .