निरंजन का अपने पिता और आस पास के लोगों की शराब छुड़वाने का सफलता भरा प्रयास
मेरा नाम निरंजन कुमार है ! मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ ! मेरी माता का नाम श्रीमती उर्मिला देवी और पिता का नाम श्री कृष्णा मांझी है ! मेरे 3 भाई और 6 बहने है ! मैं बिहार राज्य के जिला गया के ग्राम जमुआवा का रहने वाला हूँ!
हमारे राज्य बिहार में रोजगार की कमी होने के कारण, मेरे पिता जी ठेकेदार से 10,000 रु. पेशगी लेकर उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के थाना चौबेपुर क्षेत्र के देदूपुर भट्टे पर या वही के किसी दूसरे भट्टे पर ईट बनाने 6 महीने के लिए आते है ! मैं अपने भाई और बहनों के साथ जागृति बाल विकास समिति के अन्तर्गत 30 वर्षों चल से रहे अनौपचारिक केंद्र अपना स्कूल में प्रतिदिन पढ़ने जाते है !
मेरे पिता जी पिछले वर्ष रोज शराब पीते थे और रोज घर पर लड़ाई करते थे ,आस पास के पड़ोसियों से भी लड़ाई करते थे ! तब अपना स्कूल में दीदी ने बाल सभा में बताया की अपने -अपने पिता और भाई को शराब पीने से मना करना है क्योंकि शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है ! तब उसी दिन जब मैं घर आया और अपने पिता जी से कहा की पिता जी शराब मत पीना क्योंकि शराब से कोई भी फायदा नहीं है वो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है! और अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हम आपसे दूर चले जायेंगे ! तब से मेरे पिता जी सप्ताह में 2 दिन शराब पीने लगे और धीरे धीरे अब उन्होंने शराब पीना बंद कर दिया है ! उसके जो पैसे बच रहे है उससे परिवार के पालन पोसन को और बेहतर बनाने में लगा रहे ! मेरे पिता जी को देखकर और समझाने पर मेरे जीजा ने भी शराब पीना बंद कर दी है ! और आस पास के लोग भी शराब छोड़ने की कोशिश कर रहे है !
पिता जी ने पिछले एक वर्ष से शराब बिल्कुल नहीं पी है।जिससे घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। घर में सभी बहुत खुश है।
मेरा नाम निरंजन कुमार है ! मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ ! मेरी माता का नाम श्रीमती उर्मिला देवी और पिता का नाम श्री कृष्णा मांझी है ! मेरे 3 भाई और 6 बहने है ! मैं बिहार राज्य के जिला गया के ग्राम जमुआवा का रहने वाला हूँ!
हमारे राज्य बिहार में रोजगार की कमी होने के कारण, मेरे पिता जी ठेकेदार से 10,000 रु. पेशगी लेकर उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के थाना चौबेपुर क्षेत्र के देदूपुर भट्टे पर या वही के किसी दूसरे भट्टे पर ईट बनाने 6 महीने के लिए आते है ! मैं अपने भाई और बहनों के साथ जागृति बाल विकास समिति के अन्तर्गत 30 वर्षों चल से रहे अनौपचारिक केंद्र अपना स्कूल में प्रतिदिन पढ़ने जाते है !
मेरे पिता जी पिछले वर्ष रोज शराब पीते थे और रोज घर पर लड़ाई करते थे ,आस पास के पड़ोसियों से भी लड़ाई करते थे ! तब अपना स्कूल में दीदी ने बाल सभा में बताया की अपने -अपने पिता और भाई को शराब पीने से मना करना है क्योंकि शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है ! तब उसी दिन जब मैं घर आया और अपने पिता जी से कहा की पिता जी शराब मत पीना क्योंकि शराब से कोई भी फायदा नहीं है वो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है! और अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हम आपसे दूर चले जायेंगे ! तब से मेरे पिता जी सप्ताह में 2 दिन शराब पीने लगे और धीरे धीरे अब उन्होंने शराब पीना बंद कर दिया है ! उसके जो पैसे बच रहे है उससे परिवार के पालन पोसन को और बेहतर बनाने में लगा रहे ! मेरे पिता जी को देखकर और समझाने पर मेरे जीजा ने भी शराब पीना बंद कर दी है ! और आस पास के लोग भी शराब छोड़ने की कोशिश कर रहे है !
पिता जी ने पिछले एक वर्ष से शराब बिल्कुल नहीं पी है।जिससे घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। घर में सभी बहुत खुश है।