Sunday, November 27, 2011

कविता : बदल छाये

कविता : बदल छाये
बदल छाये काले काले ,
हैं ये देखो कितने प्यारे |
आसमान में छिप जाते तारे ,
देखो ये कैसे चमचमाते |
लगते देखो ये कितने प्यारे ,
देखो है ये कितने सारे |
   बदल छाये काले काले ,
हैं ये देखो कितने प्यारे |
नाम :शिवम् कुमार 
 कक्षा : 5th  
सेंटर : अपना स्कूल , 

Friday, November 25, 2011

हमारी : कला

                                                             

                                                                                                   नाम  : सनी 
                                                                                                   कक्षा : 5th 
                                                                                                  अपना स्कूल   , कानपुर

Tuesday, November 15, 2011

कविता : रंग बिरंगी तितली

 रंग बिरंगी तितली 
फुदक रही है फूल फूल पर,
कोमल पंख पसारे |
रंग बिरंगे पंख है इसके ,
सुंदर प्यारे प्यारे |
हाथ कभी न इसको लगाना ,
पकड़ोगे यो उड़ जाएगी 
फिर न हाथ आ आएगी | 
नाम : ज्योति 
कक्षा : 4th  
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा

Saturday, November 12, 2011

कहानी : खरगोश और कौआ

 खरगोश और कौआ 
बहुत समय पहले की बात है | एक कौआ था , उसका एक मित्र था खरगोश | वह उसके साथ रोज खेलने के लिए जंगल जाता था | एक दिन खरगोश खेलते - खेलते एक नाले में गिर गया | कौआ ने कहा कि अब मई क्या करूँ | तभी वहां से एक हाथी आता दिखाई दिया | कौए ने हाथी से कहा कि वह खरगोश को नाले बाहर निकाल दे | हाथी ने कि पहले वह मुझे केला खिलाय तभी मई खरगोश को बाहर निकलेगा | कौआ जल्दी से एक केले के पेड़ के पास गया और केला तोड़ लाया | जब वह रास्ते से आ रहा था तभी उसे एक घोड़े ने रोक लिया और कहा कि ये केला कहाँ लिए जा रहे हो | कौए ने जबाब दिया कि ये केला मै हाथी के लिए ले जा रहा हूँ | घोड़े ने कहा कि पहले मेरे  पैर से काँटा निकाल दो फिर चले जाना | कौए ने जल्दी से काँटा निकाल दिया | फिर वह सीधे हाथी के पास गया | उसने हाथी को केला दिया | पहले हाथी ने केला खाया फिर खरगोश को सूंड से नाले के बाहर निकाल दिया  इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें सभी कि मदद करनी चाहिए | 
                                                                                                                                          धन्यवाद

नाम : काजल 
कक्षा : 5th  
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा 
 

Wednesday, November 9, 2011

कविता : तोता भैया

 तोता भैया 
तोता हूँ मैं तोता हूँ ,
हरे रंग का तोता हूँ  | 
हरी मिर्च मैं खाता हूँ ,
आसमान में उड़ जाता हूँ | 
पसंद नहीं मुझे पिंजड़े में रहना ,
मुझे तो है खुले आसमान में उड़ना |
नाम : सूरज कुमार 
कक्षा : 5th  
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा  

कविता : रसीला सेब

 रसीला सेब 
सेब हूँ मै सेब हूँ ,
सबसे मीठा सेब हूँ |
सेब होता है रसीला ,
रंग है इसका लाल पीला |
मुझको ही सब खाते हैं ,
खूब मजे से खाते है |
सेब हूँ मै सेब हूँ ,
सबसे मीठा सेब हूँ | 
नाम : कोमल 
कक्षा : 5th 
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा


Monday, November 7, 2011

कविता : लाल पीला सेब

 लाल पीला सेब 
सेब हूँ मै सेब हूँ ,
लाल पीला सेब हूँ | 
सबसे मीठा सेब हूँ , 
मुझको ही सब खाते हैं | 
खूब मजे से खाते हैं ,
  सेब हूँ मै सेब हूँ ,
लाल पीला सेब हूँ | 
नाम : कोमल 
कक्षा : 5th  
सेंटर अपना स्कूल , धामीखेड़ा

Sunday, November 6, 2011

कविता : खरगोश भैया

खरगोश भैया  
खरगोश है यह खरगोश है ,
कितना सुंदर खरगोश है |
लाल लाल है गाजर खाता ,
लाल लाल है वो हो जाता | 
उछल कूद है ये खूब करता ,
लेकिन कुत्ते बिल्ली से डरता | 
खरगोश है यह खरगोश है ,
कितना सुंदर खरगोश है |
नाम: मानवी 
कक्षा : 5th 
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा 

Saturday, November 5, 2011

कविता : मछली रानी

 मछली रानी 
मछली है ये मछली है ,
रंग- रंगीली ये मछली है |  
पानी में है यह रहती ,
बाहर कभी न यह निकलती |
बाहर निकलने से है ये डरती ,
पानी को है ये गन्दा करती  | 
मछली है ये मछली है ,
रंग- रंगीली ये मछली है |
नाम : काजल 
कक्षा : 5th 
सेंटर : अपना स्कूल , धामीखेड़ा

 

Wednesday, November 2, 2011

कविता : आलू भैया

 आलू भैया 
आलू हूँ मैं आलू हूँ ,
गोल मटोल आलू हूँ |
सब्जी मै जब बन जाता हूँ ,
सब बच्चों को मैं तब भाता हूँ |
नाम : चन्दन कुमार 
कक्षा : 1st 
सेंटर : अपना स्कूल , मेरा भट्टा 

Tuesday, November 1, 2011

कविता : हाथी दादा

 हाथी दादा 
हाथी दादा आता है ,
गन्ने, पत्ते खाता है |
जब पानी में जाता है ,
भर- भर सूंड नहाता है |
नाम: सनुजवा 
कक्षा : 1st 
सेंटर : अपना स्कूल , कालरा 


कविता : कोयल

 कोयल 
कोयल गीत गति है ,
हमको बहुत सुहाती है | 
इसको कोई मारो ना,
इसको कोई भगाओ ना |
नाम : सजनी कुमारी 
कक्षा :1st 
सेंटर : अपना स्कूल , कालरा