जलती जमीं में, चमकती धूप में,
बहती लू में अगर पड़े मेरे पाँव,
और महसूस होने लगे पीपल का छाँव,
तो समझो आ गया मेरा गाँव,
ठंडी हवाएं हो, सुन्दर घटाएं हो,
नहर तालाबों में पानी का ठहराव हो,
और बादलों का घेराव हो,
तो समझो आ गया मेरा गाँव,
नाम: ज्योति
अपना स्कूल, कानपुर
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