फूल कितना प्यारा है |
सबको लगता न्यारा है |
लाल -पीले , नीले हरे |
बगियाँ में सब हरे-भरे |
मेरे मन को भाते है |
अपने पास बुलाते है |
फूल कभी तुम मत तोडें |
दूर से ही बस इनको देखो |
धरती में नन्हें तारे है |
सुन्दर -सुन्दर और न्यारे है |
नाम: मुस्कान
कक्षा : 2
अपना स्कूल, सम्राट सेण्टर, कानपुर
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