Tuesday, March 29, 2011

शीर्षक : पानी

पानी
पानी हूँ मैं पानी हूँ ,
मैं सबकी प्यास बुझाता हूँ | 
मुझसे ही सबका जीवन है , 
मैं न होऊं तो सबका जीना मुश्किल है | 
जिसने मुझको व्यर्थ किया ,
समझो उसने अपना आधा जीवन खोया |
जिसने मुझे व्यर्थ होने से बचाया ,
समझो उसने अपना पूरा जीवन पाया | 
पानी हूँ मैं पानी हूँ ,
इस धरती पर सबका जीवन हूँ | 



नाम : अंकित कुमार 
कक्षा : 4th  
सेंटर : अपना स्कूल ,
         धामीखेड़ा

शीर्षक : गर्मी आई

 गर्मी आई 
गर्मी आई गर्मी आई ,
साथ में अपने रंगरलियाँ लाई | 
गर्मी ने गरम-गरम हवा बहाई ,
गर्मी के दिन आम भी लाई  | 
बच्चे आम को खाते तोड़कर ,
बगिया वाला खदेड़े दौड़कर |
इस गर्मी में इधर-उधर जो घूमोगे ,
तो इस गर्मी में लू से बच नहीं पाओगे | 
गर्मी आई गर्मी आई ,
साथ में अपने रंगरलियाँ लाई | 


नाम : शंकर  कुमार 
कक्षा : 7th  
सेंटर : अपना स्कूल ,
          कालरा प्रथम

 

Monday, March 28, 2011

शीर्षक : होली आई

होली आई 
होली आई होली आई ,
फाल्गुन माह में होली आई |
होली में सब रंग खेलते ,
एक दूजे के गले लगते |
होली है एक अच्छा त्योहार ,
आओ सब मिलकर रंग खेलें यार | 
होली में सब मस्ती करते हैं ,
रात को बैठकर फाग गाते हैं | 
जो भी आता उसे रंग लगते ,
गुझिया , पापड़ सब हैं खाते | 
होली आई होली आई, 
सबके मन में खुशियाँ लाई | 



नाम : नाहिद 
कक्षा : 5th  
सेंटर : अपना स्कूल , 
          धामीखेड़ा

Friday, March 25, 2011

शीर्षक : फूल

 फूल 
फूल हैं ये फूल हैं , 
कितने सुंदर फूल हैं | 
रंग-रंगीले फूल हैं , 
चाँद की तरह फूल हैं | 
कितनी खुशबू देते हैं ,
सारी बगिया महका देते हैं |
धूप लगे तो खिल जाते हैं ,
हवा चले तो खुशबू फैलाते हैं | 
फूल हैं ये फूल हैं ,
कितने प्यारे फूल हैं | 


नाम : अंकित कुमार 
कक्षा : 4th
सेंटर  : अपना स्कूल 
          धामीखेड़ा




Thursday, March 24, 2011

शीर्षक : भालू आया

भालू आया 
भालू आया भालू आया ,
नाच दिखाता भालू आया | 
ढोल बजाता भालू आया ,
भालू आया भालू आया | 
भालू नाच दिखाता है ,
फिर अपने दांत दिखाता है | 
यदि भालू की मुच्छ न होती ,
तो हम पहना देते उसको धोती |




नाम : कमल कुमार 
कक्षा : 2th  
सेंटर : अपना स्कूल , लोधर 
         भट्ठा

Monday, March 21, 2011

शीर्षक : चिड़िया

 चिड़िया 
चिड़िया की एक बात निराली,
जब खेतों में होती थी हरियाली | 
आसमान में चिड़ियाँ उडती जाती ,
चूं-चूं  कर के गीत सुनाती |


दाना चुगती पीती पानी ,
करती रहती अपनी मनमानी |



नाम : अमन कुमार 
कक्षा ; 4th 
सेन्टर: अपना स्कूल 
             धामी खेडा

Friday, March 18, 2011

शीर्षक : बड़ा मजा आया

बड़ा मजा आया 
एक छोटी सी मछली ,
न थी उसके एक भी सहेली |
उस मछली को पापा ने पकड़ा ,
मम्मी ने काट के धोया |
दीदी ने छौंका लगाया , 
मोटू ने उसे पकाया | 
 मोटी ने जब उसे खाया , 
खाने में उसे बहुत मजा आया |



 नाम : दुर्गा देवी 
कक्षा : 2th   
सेंटर : अपना स्कूल , पनकी 

Wednesday, March 16, 2011

शीर्षक : पानी बरसा

पानी बरसा
झम-झम कर पानी बरसा , 
नहाने को मेरा मन तरसा | 
पशु-पक्षी का वन भीगा,     
बूंदे पड़ने से मेरा तन भीगा | 
अभी तो आ रहा होगा सभी को मजा , 
बीमार पड़ेंगे जब-तब मिलेगी सजा | 
क्योंकि यह है बारिश की ऐसी पारी ,
जो की पड़ सकती है हम सब पर भारी|




नाम : गंगा देवी 
कक्षा : 4th
सेंटर : अपना स्कूल ,
          पनकी

Saturday, March 12, 2011

शीर्षक : झंडा ऊँचा

 झंडा ऊँचा 
झंडा ऊँचा सबसे प्यारा ..................,
लगता हमको सबसे न्यारा  ............|
अपने से बड़ों के चरणों को छूकर ....,
आपस में सब रहें मिलकर ..............|
करें अच्छे से अच्छा काम ...............,
जिससे हो  अपने देश का नाम ........|
जब भी पढ़े कोई भी पर्चा ................,
उसमें हो सिर्फ अपने देश की चर्चा ...|
नाम : आकाश कुमार 
कक्षा : 2th  
सेंटर : अपना स्कूल 
           " पनकी " 

Friday, March 11, 2011

शीर्षक : खेती

खेती 
देखो कितनी प्यारी खेती .... ,
देखो कितनी न्यारी खेती ....|
फसल उगाकर देती खेती .... ,
कुछ न मोल लेती खेती .......|
हरी हरी लहराती खेती ........ ,
हरियाली फैलाती खेती ....... |
सबके मन को भाती खेती ... ,
देखो कितनी न्यारी खेती ....|

                      नाम  :  सुभाष 
                     कक्षा  : 5th         
                      सेंटर : पनकी सेंटर

Tuesday, March 8, 2011

शीर्षक : मेरी यात्रा

मेरी यात्रा 
मेरा नाम राम सिंह है | मैं कक्षा 8th  का विद्यार्थी हूँ | हमने आगरे में ताजमहल का नाम सुना था और उसकी फोटो देखी थी |  लेकिन यह नहीं सोचा था कि मैं आगरा घूमने जा पाऊँगा और वहां पर ताजमहल देखूंगा | लेकिन मुझे आगरा जाने का मौका मिल गया और मैंने वहां पर ताजमहल , बुलंद दरवाजा , जोधा का महल , लालकिला आदि देखा ,  जिन्हें  देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा | मेरा मन हो रहा था कि मैं वहीँ पर रुक जाऊं , लेकिन मैं अकेले कैसे रुक सकता था ? साथ में कोई तो होना ही चाहिए था | कुछ भी हो मैं दो दिन रुका बहुत मजा आया सभी लोगों के साथ आगरा घूमने में | यदि इस तरह का मौका फिर कभी मिला तो मैं जरुर जाऊंगा .........................|



 नाम : राम सिंह    
कक्षा  : 8th  
स्कूल : स्वामी विवेकानंद 
विद्यालय