पानी बरसा
झम-झम कर पानी बरसा ,
नहाने को मेरा मन तरसा |
पशु-पक्षी का वन भीगा,
बूंदे पड़ने से मेरा तन भीगा |
अभी तो आ रहा होगा सभी को मजा ,
बीमार पड़ेंगे जब-तब मिलेगी सजा |
क्योंकि यह है बारिश की ऐसी पारी ,
जो की पड़ सकती है हम सब पर भारी|
नाम : गंगा देवी
कक्षा : 4th
सेंटर : अपना स्कूल ,
सेंटर : अपना स्कूल ,
पनकी
सुन्दर रचना.
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