मछली
मछली है भई मछली है ,
मछली के पूंछ भी असली है |
बाहर कभी नहीं आती है ,
आती है तो अपना जीवन खो देती है |
जीवन इसका पानी है ,
मछली की यही कहानी है |
मछली है भई मछली है ,
अपनी पूंछ और पंख से चली है |
नाम : सूरज कुमार
कक्षा : 4th
सेंटर : अपना स्कूल , कानपुर
धामी खेड़ा
likhte raho.....achchha likha hai
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