Thursday, March 18, 2021

कविता

  

हमारा बचपन क्या फिर वापस आएगा | 

हमें खुशियाँ और मम्मी का प्यार दे पायेगा | 

शायद वह मेरा बचपन फिर वापस लौटा दे | 

हम बचपन में माँ की लोरी सुन सके, 

दोस्तों के साथ गिल्ली- डुंडा खेल सकें. 

बरसात में पानी का बरसना, 

दोस्तों से मिलने के लिए तरसना, 

हमें बारिश में ही सिखाया है. 

                        नाम: मुकेश कुमार 

                      अपना केंद, कानपुर  

        

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