Friday, April 8, 2011

शीर्षक : गोल-गोल भट्ठा कैसा ?

गोल-गोल भट्ठा कैसा  ?
गोल - गोल ये भट्ठा कैसा ? 
कमा रहे हैं बाबू  पैसा | 
काम करे है बच्चा - बच्चा , 
आलू खाना पड़ रहा हमको कच्चा | 
मुझको बता दो इसका हाल , 
आलू क्यों होता गोल मटोल ? 
क्योंकि सब बच्चे पढ़ते हैं भूगोल ,
बाबू नहीं रखते हैं मजदूरों का ख्याल | 
भट्ठा है यह एक धोखे जैसा , 
काम हम करें , बाबू कमाता पैसा |
अपने हाथों से ईंटें हमीं बनाते , 
फिर भट्ठे के अंदर हमीं पकाते |
मजदूर भाई काम करे हैं सारा ,
बाबू पैसा मारे सबका और हमारा | 
यह भट्ठा है कैसा ? 
जब चले तो लगता घड़ी के जैसा | 



नाम : अजय कुमार 
कक्षा : 5th  
सेंटर : अपना स्कूल 
         कालरा प्रथम

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