जुबान न होती तो,
महाभारत और रामायण न होती
न किसी से गलती होती
बोलने से प्यार भी बढ़ता है
तो कठोर बोलने से नफरत भी होती है
कभी-कभी कठोर बोलने से झगड़ा भी होता है.
प्यार से बोलना हमें भाषा ही सिखाती है
जुबान से बोलो प्यार से
किसी को ना बोलो कठोर वचन
जुबान से बोलो मीठी वाणी
किसी को ना हो कभी परेशानी
पंकज कुमार
अपना स्कूल, कानपुर
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