Saturday, June 6, 2020

पेड़

पेड़ लगाया ऐसा,
झिलमिल तारो जैसा। 
पत्ते हो बिस्कुट जैसे ,
फलों और टॉफी जैसे। 
पेड़ लगाया ऐसा ,
झिलमिल तारो जैसा। 
डाल पकड़ के अलग हिलाऊँ ,
टप -टप बरसे पैसा। 
                  नाम - कल्पना 
                  कक्षा - 2 
              अपना स्कूल सम्राट 

1 comment:

  1. संगीता जी यह कविता राम नरेश उज्ज्वल की है। आपको कहां से मिली। क्या किताब मिल सकती है। मेरा व्हाट्स ऐप नम्बर है 7071793707 . कृपया सूचित करें

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