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Monday, June 28, 2021

हेमा प्रवासी मजदूर रासो (मां) और बिरजू (पिता) की बेटी अपने गांव रुपऊ (बिहार) में 8 बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही है।

नाम : हेमा 
कक्षा : 12th 
हेमा के माता-पिता रासो (मां) और बिरजू (पिता) बिहार से अपने पूरे 

परिवार के साथ साल में आठ महीने (नवम्बर से जून) कानपुर, यूपी के 

ईंट भट्टों में काम करने के लिए पलायन करते हैं। हेमा के परिवार 

में छः सदस्य है दो भाई और एक बहन हैं। और उनकी प्रवासी 

जीवन शैली के कारण, कोई भी बच्चा औपचारिक स्कूल में नामांकित 

नहीं है। हेमा ने कालरा 1 ईंट- भट्टे में संचालित अपना स्कूल के 

अनौपचारिक शिक्षण केंद्र से कक्षा:1 से अपनी पढ़ाई प्रारम्भ की। 

वह बड़ी होकर एक शिक्षिका बनना चाहती है और कई बच्चों को पढ़ाती है।

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