ईट - भट्ठों तथा भवन बनाने वाले प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और उनके जीवन को बेहतर बनाने का एक प्रयास है, अपना स्कूल, अपना स्कूल में बच्चों को पढ़ने के साथ साथ उनको रोजगार-परक शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है. जाग्रति संस्था द्वारा ईट भट्ठों पर ही अस्थाई स्कूल बनाकर जिसमें की १ से ८ तक की शिक्षा दी जाती है और उनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. वर्त्तमान में करीब २० भट्ठों पर अपना स्कूल के द्वारा लगभग १००० बच्चों को लाभ मिल रहा है.